भोलापन !! ( INNOCENCE !!)
प्रिये संग्रहिका , आँखों को दाँव पर लगा कर एक बार फिर आयी हूँ तुमसे बात करने। नींद भी जबरदस्त भरी हुई है। बात पूरी हो …
प्रिये संग्रहिका , जानती हो.....दिवाली का त्यौहार है, लेकिन मुझे दिवाली को लेकर कोई उत्साह नहीं है। दो दिन पहले कुछ दोस्त दिवाली पर मिलने का प्लान बना रहे थे तब तो मुझे दिवाली की तारीख पता चली। कल लाइब्रेरी से घर आते वक्त मोहल्ले के कुछ बच्चे गली में पटाखे फो…
प्रिये संग्रहिका , पता है LET GO करना कितना कठिन होता है ? LET GO करने का मतलब होता है जाने देना। जाने देना हर उस चीज को जिससे आप बहुत ज्यादा जुड़े हों , जो आपको बहुत प्रिये हो, जिससे आपको ख़ुशी मिलती हो और कभी कभी उसको भी जिसके बिना जीवन की कल्पना कर पाना भी…
What should i begin with when i have nothing to write about ? Actually there is nothing as such that you don`t have topics. It`s just that topics are running so fast that your brain is not able to let any topic stay. प्रिये संग्रहिका, कभी-कभी तुम्हें सुनने क…
प्रिये संग्रहिका, सब कुछ गड़बड़ चल रहा है। नहीं नहीं मेरे जीवन में नहीं ! वहाँ का तो रोज़ का ही है। संसार में सबकुछ गड़बड़ चल रहा है। और भारत में तो और भी ज्यादा गड़बड़ चल रही है। चलो शुरू से शुरू करते हैं.....जब से भारत में पहली सभ्यता जन्मी तबसे, सिंधु घाटी सभ्य…
प्रिय संग्रहिका, जानती हो आज़ाद होने के असल मायने क्या होते हैं ? जब हम पूर्णतः अपनी शर्तों पर जीते हैं, बिना रोक टोक वो सब कर सकते हैं जो करना चाहते हैं। पाबंदियाँ केवल दूसरे ही हमपर नहीं लगाते, कई बार हम स्वयं भी स्वयं पर पाबंदियां लगाते हैं। दूसरों की पाब…
अक्टूबर ३ ,२०२४ बृहस्पतिवार , १०:२३(अपराह्न) प्रिय दैनन्दिनी , किसके लिए क्या महत्वपूर्ण है ये व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है |और उससे भी अधिक निर्भर करता है इस बात पर कि उसके आसपास का वातावरण कैसा है | क्योंकि यह बात बहुत हद्द तक सच है कि हमारी गतिविधियाँ…
प्रिये संग्रहिका , आँखों को दाँव पर लगा कर एक बार फिर आयी हूँ तुमसे बात करने। नींद भी जबरदस्त भरी हुई है। बात पूरी हो …