
अच्छे लोग अब भोले नहीं , मूर्ख कहे जाते हैं।
प्रिये संग्रहिका , कभी तुमको ऐसा लगा है कि मैं तुम्हे for granted ले रही हूँ ? अगर लगेगा तो मुँह पर बोल देना, मेरी तरह …
प्रिये संग्रहिका , बड़े दिन हो गया ना मिले ? जानती हूँ वादा किया था उसके बाद भी नियमित तुमसे मिलने नहीं आ पा रही हूँ। इसका पूरा श्रेय जाता है मेरे ख़राब समय मैनेजमेंट को। ये बात सच ही है २४ घंटे हर किसी की झोली में है। कुछ उसका सही उपयोग करके आगे निकल जा रहे ह…
प्रिये संग्रहिका , पता है नए वर्ष में नई विधा लिखने का सोचा था। पर तुमसे कुछ ज्यादा ही बँध गयी हूँ। या यूँ कह लो कि अब अपने कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं निकलना चाहती हूँ। जनवरी निकलने को है, आधी तो निकल ही चुकी है। आधी कब निकल जाएगी खबर भी नहीं होगी। बड़ी प्रसिद्…
प्रिये संग्रहिका, जल्दी आऊँगी बोलकर कुछ ज्यादा ही जल्दी आ गयी ना ? चलो आ ही गयी हूँ तो थोड़ी गपसप ही कर ली जाये। आज संक्राति है। मकर संक्रांति। आज दिन और रात दोनों ही सामान अवधि के होंगे। लेकिन भागती दौड़ती इस दुनिया में किसे फर्क पड़ता है कि दिन और रात कितने बड़…
प्रिये संग्रहिका , कैसी हो ? मालूम है जल्दी आऊँगी कहकर भी अक्सर आने में देर कर देती हूँ। सच बताऊं तो वाकई इतना व्यस्त रहती नहीं हूँ मैं कि तुमसे रोज़ मिलने आने का समय ना निकल पाऊँ। पर वही बात है ना प्राथमिकता हर बार आलसपने को चली जाती है। शुरू में तुमसे छोटी छ…
प्रिये संग्रहिका, नए वर्ष की शुभकामनाये ! जानती हूँ पूरे चार दिन लेट हूँ। पर जनवरी का तो पूरा महीना नए साल की बधाई देने का ऑफिसियल महीना है। 2025 आ ही गया आखिरकार। कह तो ऐसे रही हूँ जैसे इसी का इंतज़ार था। इस बार के रसोलूशन्स भी तैयार कर ही लिए हैं लेकिन 4 दि…
प्रिये संग्रहिका , कभी तुमको ऐसा लगा है कि मैं तुम्हे for granted ले रही हूँ ? अगर लगेगा तो मुँह पर बोल देना, मेरी तरह …