
अच्छे लोग अब भोले नहीं , मूर्ख कहे जाते हैं।
प्रिये संग्रहिका , कभी तुमको ऐसा लगा है कि मैं तुम्हे for granted ले रही हूँ ? अगर लगेगा तो मुँह पर बोल देना, मेरी तरह …
प्रिये संग्रहिका , काफी दिन हुए ना मिले ? हाँ थोड़ी व्यस्तता थी। इसे बहानेबाजी कहना चाहो तो कह सकती हो। शायद कभी कभी ना लिखना बेहतर होता है। मात्र ३ दिवस पश्चात नववर्ष दस्तक देने को है। पर इस बार कोई ऊर्जा का संचार नहीं है। ये वर्ष मानो नीरसता में गुज़रा हो। न…
प्रिये संग्रहिका , तुम्हें ये नाम कैसा लगता है ? पता है तुम्हें ये नाम क्यों दिया ? क्योंकि तुम्हारे पास मेरी उन सारी बातों का संग्रह है जो शायद ही कभी कोई उतने ध्यान से पढ़े। कुछ फ़ालतू बाते भी हैं जिसे शायद मैं खुद भी दुबारा मुड़कर ना पढूं पर तुम संजोयी रखती …
प्रिये संग्रहिका , पता है हम अच्छाई की अपेक्षा किससे करते हैं ? उससे जो स्वयं को अच्छा कहते हैं। रुको एक बात बात बताती हूँ। एकदम सच्ची घटना पर आधारित। कल्पना का लेश मात्र भी मसाला नहीं छिड़कूँगी। तो बात कुछ ऐसी है कि मैं क्लास 10th में थी। 10th माने बोर्ड्स ,…
प्रिये संग्रहिका , बात कहाँ से शुरू करूँ नहीं समझ में आ रहा क्यूँकि बात ही कुछ ऐसी है !! पता नहीं कानून कौन सी घुट्टी पीकर बनाये जाते हैं। उन कानूनों में विवेक का कितना योगदान होता है ! उन कानूनों से न्याय मिलने की कितनी सम्भावना होती है। कुछ भी नहीं पता ! ये…
उम्र भर ख़याली भूतों से गर मैं ना डरता , तो खुदा.... मैं क्या ज़ोर से जीता, क्या चैन से मरता !! प्रिये संग्रहिका, ये ऊपर लिखी पंक्तियाँ देख रही हो ? मेरी नहीं है। किसकी है ये भी नहीं पता। बस आज इंस्टाग्राम पर देखा तो लगा यही तो सबके जीवन की कहानी है। अच्छा अगर …
प्रिये संग्रहिका , पिछला लेख अधूरा ही छोड़ दिया था। उसके लिए माफ़ी। वो फिर कभी पूरा करुँगी। आजकल कुछ लिखने से पहले उसकी तमाम सम्भावनाये दिमाग में घूमती रहती हैं। और किसी भी विषय पर लिखने से पहले अपने नज़रिये को स्पष्ट और उस पर टिके रहना पड़ता है। मैं बस वहीं च…
THE VULNERABLE PRIZE This is a series of summary of chapters of the book " SLENDER WAS THE THREAD " written by Lt. General Lionel Sen. So in this series the summary of very first chapter " The Vulnerable Prize " is here . The Vulnerabl…
प्रिये संग्रहिका , कभी तुमको ऐसा लगा है कि मैं तुम्हे for granted ले रही हूँ ? अगर लगेगा तो मुँह पर बोल देना, मेरी तरह …