
" बच्ची अब बचबै ना ! "
" बच्ची अब बचबै ना ! " ( यही आखिरी बात हुई थी अम्मा से दो दिन पहले। ) " अम्मा यस काहे कहत हू !! &quo…
" बच्ची अब बचबै ना ! " ( यही आखिरी बात हुई थी अम्मा से दो दिन पहले। ) " अम्मा यस काहे कहत हू !! " ( और मैं इस वाक्य के आगे कुछ बोल ही नहीं पायी , गला रुंध गया था। ) १ महीने पहले यहीं थीं अम्मा। लेकिन परीक्षाओं के चलते ज्यादा बात चीत न…
प्रिये संग्रहिका, गुस्से की भेंट चढ़ी बहने ! तुम्हारी दो बड़ी बहनों को गुस्से की भेंट चढ़ा चुकी हूँ। तुम्हारे तक भी उस गुस्से की लपटें पहुँचने ही वाली थीं लेकिन शुक्र मनाओ तुम्हारी बड़ी बहनों ने तुमको बचा लिया। उनकी भेंट ने ही मेरे हृदय में इतना अधिक कंपन पैदा कि…
कैसी हो सखी ? अपना बताऊँ तो, मैं तो ठीक हूँ पर इस बीच आसपास बड़ी ही विचित्र घटनाएँ घटित हो रही हैं - देश में भी और परिवार में भी !! कुछ दिन पहले तुमसे हुयी बातचीत बड़ी ही प्रासंगिक थी और इस बीच उसी के कई जीवंत उदाहरण भी देखने को मिले। कल यानि 12 को इस वर्ष का …
प्रिय संग्रहिका , जानती हूँ ये कोई उचित समय नहीं है आने का, लेकिन फिर भी आदत से मजबूर एक बार वापस तुम्हारे पास मुँह उठा कर चली आयी हूँ। अब आ ही गयी हूँ तो मंतव्य भी बता ही देती हूँ बिना इधर-उधर की बात किये। तो बात कुछ ऐसी है कि , बीते कुछ सालों में, न्यूज़ में…
प्रिय संग्रहिका , बड़ी तीव्र इच्छा है पुनः आरम्भ करने की। कुछ गलतियाँ, कुछ भूल पूर्वरत/undo नहीं किये जा सकते हैं। कुछ पन्नो के दूषित होने पर, कई बार, पन्ने नहीं फाड़े जाते, बल्कि पूरी की पूरी किताब ही फेंक देनी पड़ती है !! मेरे पास भी एक किताब है, जिस…
प्रिय संग्रहिका , तुम्हारा उत्तर मिला, मेरे पिछले ब्लॉग में पूछे गए प्रश्न का। मैंने पूछा था... " कैसी हो ? " तुम्हारा जवाब आया - " तुमसे अच्छी हूँ। " इससे अधिक तुमने कुछ लिखा ही नहीं। अब इन तीन शब्दों से मैं क्या अर्थ निकालूँ ? मेरे …
प्रिये संग्रहिका , कैसी हो ? ( उत्तर की अपेक्षा है ! ) मेरी चिंता मत करना , मैं ठीक हूँ। बस कभी-कभी ओवर थिंकिंग अधिक हावी हो जाती है। पर फिर संभाल लेती हूँ। पिछले २ हफ़्तों से बहुत कुछ हुआ है जिसका ब्यौरा तुम्हें देना बाकी है। अच्छा , कभी तुम्हारे साथ ऐसा…
" बच्ची अब बचबै ना ! " ( यही आखिरी बात हुई थी अम्मा से दो दिन पहले। ) " अम्मा यस काहे कहत हू !! &quo…