
" बच्ची अब बचबै ना ! "
" बच्ची अब बचबै ना ! " ( यही आखिरी बात हुई थी अम्मा से दो दिन पहले। ) " अम्मा यस काहे कहत हू !! &quo…
प्रिय संग्रहिका , कैसी हो ? आज फिर से रोने आयी हूँ। अगर सुनने का मन नहीं होगा तो मत सुनना लेकिन यहीं बैठी रहना। पिछले दो दिन से मैंने क्या किया है उसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है मेरे पास लेकिन इतना पता है की कुछ भी प्रोडक्टिव काम नहीं किया है। बड़ा बेकार लग रह…
प्रिये संग्रहिका , तुम मुझसे पूछती क्यों नहीं कि " मैं तुम्हारे लिए इतनी ही प्रिये हूँ तो मुझसे रोज़ मिलने क्यों नहीं आती ? " मुझे पता है तुम नहीं पूछोगी , तुम समझदार हो या फिर शायद भोली हो कि तुम्हे मेरा स्वार्थ नज़र नहीं आता। इस समय मन में केवल एक…
प्रिये संग्रहिका , कभी तुमको ऐसा लगा है कि मैं तुम्हे for granted ले रही हूँ ? अगर लगेगा तो मुँह पर बोल देना, मेरी तरह बात टालना मत। पता है किसी अच्छे इंसान को बर्बाद होने से कौन बचा सकता है ? " सीमाएँ !" अच्छे इंसान को लोग अक्सर भोला कहते हैं। भोला…
प्रिये संग्रहिका , रात के बज रहे हैं डेढ़। और मेरी आँखों में नींद का दूर-दूर तक नामों निशान नहीं है। मुझे पता है नींद आ तो जाएगी लेकिन तब जब उठने का समय हो जायेगा। और ना जाने क्यों अब कम अवधि की नींद मेरे लिए पर्याप्त नहीं पड़ रही है। आजकल तो सिर भी बड़ा दुखता …
" बच्ची अब बचबै ना ! " ( यही आखिरी बात हुई थी अम्मा से दो दिन पहले। ) " अम्मा यस काहे कहत हू !! &quo…