
अच्छे लोग अब भोले नहीं , मूर्ख कहे जाते हैं।
प्रिये संग्रहिका , कभी तुमको ऐसा लगा है कि मैं तुम्हे for granted ले रही हूँ ? अगर लगेगा तो मुँह पर बोल देना, मेरी तरह …
प्रिये संग्रहिका , देखो माफ़ी तो मैं माँगूंगी क्योंकि मैंने तोड़ा है अपना वादा , हर हफ्ते तुमसे मिलने आने का। बेशर्म हो गयी हूँ ना !? क्या करूँ परिस्थतियाँ ही कुछ ऐसी हो गयी थीं। हाँ मैं फिर से बहानों का रोना रो रही हूँ। पर सच है ये बात। बीते दिनों तबियत भी ब…
प्रिये संग्रहिका , उलझन में हूँ। मन के कारण। लोग सही कहते हैं , हमारा सबसे बड़ा शत्रु हमारा मन ही है। और यदि हम उसके कहे अनुसार काम करना शुरु कर देते हैं तो विनाश तेजी से प्रारम्भ हो जाता है। एक पल को तो ये मन किसी चीज को लेकर उत्कंठित हो उठता है दूसरे ही पल व…
प्रिये संग्रहिका, कैसी हो ? क्या मेरी भाषा तुम्हारे भी पल्ले नहीं पड़ती ? इतनी कठिन भाषा इस्तमाल तो नहीं करती हूँ। मुझसे अक्सर लोग कहते हैं, लिखते समय इतनी हिंदी मत लिखा करो कि सामने वाला पढ़ना ही ना चाहे। पर ये मैं जानबूझ कर नहीं करती हूँ। मैंने बचपन से ही ऐसी…
प्रिये संग्रहिका , कभी तुमको ऐसा लगा है कि मैं तुम्हे for granted ले रही हूँ ? अगर लगेगा तो मुँह पर बोल देना, मेरी तरह …