DIARY
kuch khas nhi ..!!
कैसी हो सखी ? सबसे पहले तो कान पकड़ कर माफ़ी चाहूँगी ! हाँ , पता है महीनों बीत गए आये। पर क्या करूँ ? अब समय की बड़ी किल्ल…
November 15, 2025
मन के बहकावे में ना आ, मन राह भुलाए भ्रम में डाले। तू इस मन का दास ना बन, इस मन को अपना दास बनाले। हमारे बड़े-बुजूर्गों ने हमें अक्सर यह बात समझाई है कि कुछ काम ऐसे होते हैं जो केवल हमारे मन के काबू में न होने के कारण बिगड़ जाते हैं। अक्सर लोग कहते हैं कि जिस…
Svaghoshit Lekhika
कैसी हो सखी ? सबसे पहले तो कान पकड़ कर माफ़ी चाहूँगी ! हाँ , पता है महीनों बीत गए आये। पर क्या करूँ ? अब समय की बड़ी किल्ल…