DIARY
भोलापन !! ( INNOCENCE !!)
प्रिये संग्रहिका , आँखों को दाँव पर लगा कर एक बार फिर आयी हूँ तुमसे बात करने। नींद भी जबरदस्त भरी हुई है। बात पूरी हो …
November 23, 2024
मन के बहकावे में ना आ, मन राह भुलाए भ्रम में डाले। तू इस मन का दास ना बन, इस मन को अपना दास बनाले। हमारे बड़े-बुजूर्गों ने हमें अक्सर यह बात समझाई है कि कुछ काम ऐसे होते हैं जो केवल हमारे मन के काबू में न होने के कारण बिगड़ जाते हैं। अक्सर लोग कहते हैं कि जिस…
प्रिये संग्रहिका , आँखों को दाँव पर लगा कर एक बार फिर आयी हूँ तुमसे बात करने। नींद भी जबरदस्त भरी हुई है। बात पूरी हो …