DIARY
" मनुज मन बड़ा बावरा जाकी उल्टी चाल, जो बाँधे उसको त्यागे जो त्यागे उसका गुलाम ! "
प्रिय संग्रिहका, बस अभी-अभी घर के लिए निकली हूँ प्रयाग से । पता नही तुमको बताया था या नही, पर हाँ अब आगे की जीवन यात्…
September 04, 2025
मन के बहकावे में ना आ, मन राह भुलाए भ्रम में डाले। तू इस मन का दास ना बन, इस मन को अपना दास बनाले। हमारे बड़े-बुजूर्गों ने हमें अक्सर यह बात समझाई है कि कुछ काम ऐसे होते हैं जो केवल हमारे मन के काबू में न होने के कारण बिगड़ जाते हैं। अक्सर लोग कहते हैं कि जिस…
Svaghoshit Lekhika
प्रिय संग्रिहका, बस अभी-अभी घर के लिए निकली हूँ प्रयाग से । पता नही तुमको बताया था या नही, पर हाँ अब आगे की जीवन यात्…